The Basic Principles Of sidh kunjika
People who read through Devi Mahatmya with no this prayer of Kunjika will never reach the forest of perfection as they are going to weep alone with no a person to defend or defend them.
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंडबिहारहरियाणाराजस्थानमहाराष्ट्रगुजरातमध्य प्रदेशझारखंडछत्तीसगढ़दिल्ली एनसीआरपंजाब
ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
श्रृणु देवि ! प्रवक्ष्यामि, कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
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न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।। । इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।